*"अनुभव कहता है*
*खामोशियाँ ही बेहतर हैं,*
*शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं..."*
*जिंदगी गुजर गयी....*
*सबको खुश करने में ..*
*जो खुश हुए वो अपने नहीं थे,*
*जो अपने थे वो कभी खुश नहीं* *हुए...*
*"अनुभव कहता है*
*खामोशियाँ ही बेहतर हैं,*
*शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं..."*
*जिंदगी गुजर गयी....*
*सबको खुश करने में ..*
*जो खुश हुए वो अपने नहीं थे,*
*जो अपने थे वो कभी खुश नहीं* *हुए...*
*आँखे बंद करने से..*
*मुसीबत नहीं टलती .!*
*और .*
*मुसीबत आए बिना ..*
*आँखे नहीं खुलती...*
*छल* में बेशक *बल* है
लेकिन
*प्रेम * में आज भी *हल* है..
*खुद से बहस करोगे तो_*
*_सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे !_*
*_अगर दुसरो से करोगे तो_*
*_और नये सवाल खड़े हो जायेंगे !!_*
*_जब मनुष्य अपनी ग़लती का वक़ील_*
*_और दूसरों की गलतियों का_*
*_जज बन जाता है तो_*
*_फैसले नही फासले हो जाते है..*