Tuesday 31 January 2017

वास्तविक सुख


"-- एक आदमी ने मूर्तिकार से पूछा -- " आप पत्थर से इतनी सुन्दर मूर्ति कैसे बना लेते हैं ?"
उसने उत्तर दिया --
"-उसमें सुन्दरता पहले से छुपी हुई रहती है ! मैं सिर्फ़ अतिरिक्त पत्थर हटाता हूँ ! "
वास्तविक सुख , आपके अन्दर ही छुपा हुआ है ! सिर्फ़ अतिरिक्त चिन्ताएं हटा दें !

गुरू नानक वचन

● एक आदमी ने गुरू नानक से पूछा: मैं इतना गरीब क्यों हूँ....?
○••• गुरू नानक ने कहा: तुम गरीब हो क्योंकि तुमने देना नहीं सीखा....
○ आदमी ने कहा: परन्तु मेरे पास तो देने के लिए कुछ भी नहीं है
● गुरू नानक ने कहा:
तुम्हारा चेहरा, एक मुस्कान दे सकता है..तुम्हारा मुँह, किसी की प्रशंसा कर सकता है या दूसरों को सुकून पहुंचाने के लिए दो मीठे बोल बोल सकता है.. तुम्हारे हाथ, किसी ज़रूरतमंद की सहायता कर सकते हैं.. और तुम कहते हो तुम्हारे पास देने के लिए कुछ भी नहीं..!! आत्मा की गरीबी ही वास्तविक गरीबी है..
○ _*पाने का हक उसी को है..*_
_*जो देना जानता है.*
            

उद्यमं साहसं धैर्यं बुद्धिः

*उद्यमं साहसं धैर्यं बुद्धिः शक्तिः पराक्रमः।*
*षडेते यत्र वर्तन्ते तत्र देवः सहायकृत्।।*
*भावार्थ*  उद्योग, साहस, धैर्य, बुद्धि, शक्ति, पराक्रम– ये छः गुण जिसके पास हैं, उसकी देवता भी सहायता करते हैं यानी उसका भाग्य  फलता है।
         शुभ प्रभात ।
आपका दिन मंगलमय हो

चार कीमती रत्न भेज रहा हूँ..

*चार कीमती रत्न भेज रहा हूँ..*
*मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इससे जरूर धनवान होंगे..!*

*1.पहला रत्न है:-*
          *" माफी "*
*तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना।*

*2.दूसरा रत्न है:-*
         *"भूल जाना"*
*अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।*

*3.तीसरा रत्न है:-*
        *"विश्वास"*
*हमेशा अपनी मेहनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना । यही सफलता का सूत्र है ।*

*4.चौथा रत्न है:-*
          *"वैराग्य"*
*हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निश्चित ही हमें एक दिन मरना भी है..!  इसलिए बिना लिप्त हुए जीवन का आनंद लेना ! वर्तमान में जीना ! यही जीवन का असल सच है..!*
 
      ❗❗ सुप्रभात  ❗❗

मीठा मोती

*मीठा मोती*

*पैर में से काँटा निकल जाए तो..*
*चलने में मज़ा आ जाता है,*
*और मन में से अहंकार निकल जाए तो..*
*जीवन जीने में मज़ा आ जाता है..*
*चलने वाले पैरों में कितना फर्क है ,*
*एक आगे है तो एक पीछे  ।*
*पर ना तो आगे वाले को अभिमान है*
*और ना पीछे वाले को अपमान ।*
*क्योंकि उन्हें पता होता है*
*कि पलभर में ये बदलने वाला है ।*
*" इसी को  जिन्दगी  कहते है "?*

*"खुश रहिये मुस्कुराते रहिये*

Friday 27 January 2017

Self defence for women

1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ?

विशेषज्ञ का कहना है: जब आप लिफ़्ट में प्रवेश करें और आपको 13 वीं मंज़िल पर जाना हो, तो अपनी मंज़िल तक के सभी बटनों को दबा दें ! कोई भी व्यक्ति उस परिस्थिति में हमला नहीं कर सकता जब लिफ़्ट प्रत्येक मंजिल पर रुकती हो !

2. जब आप घर में अकेली हों और कोई अजनबी आप पर हमला करे तो क्या करें ? तुरन्त रसोईघर की ओर दौड़ जायें

विशेषज्ञ का कहना है: आप स्वयं ही जानती हैं कि रसोई में पिसी मिर्च या हल्दी कहाँ पर उपलब्ध है ! और कहाँ पर चक्की व प्लेट रखे हैं !यह सभी आपकी सुरक्षा के औज़ार का कार्य कर सकते हैं ! और भी नहीं तो प्लेट व बर्तनों को ज़ोर- जोर से फैंके भले ही टूटे !और चिल्लाना शुरु कर दो !स्मरण रखें कि शोरगुल ऐसे व्यक्तियों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है ! वह अपने आप को पकड़ा जाना कभी भी पसंद नहीं करेगा !

3. रात में ऑटो या टैक्सी से सफ़र करते समय !

विशेषज्ञ का कहना है: ऑटो या टैक्सी में बैठते समय उसका नं० नोट करके अपने पारिवारिक सदस्यों या मित्र को मोबाईल पर उस भाषा में विवरण से तुरन्त सूचित करें जिसको कि ड्राइवर जानता हो ! मोबाइल पर यदि कोई बात नहीं हो पा रही हो या उत्तर न भी मिल रहा हो तो भी ऐसा ही प्रदर्शित करें कि आपकी बात हो रही है व गाड़ी का विवरण आपके परिवार/ मित्र को मिल चुका है ! . इससे ड्राईवर को आभास होगा कि उसकी गाड़ी का विवरण कोई व्यक्ति जानता है और यदि कोई दुस्साहस किया गया तो वह अविलम्ब पकड़ में आ जायेगा ! इस परिस्थिति में वह आपको सुरक्षित स्थिति में आपके घर पहुँचायेगा ! जिस व्यक्ति से ख़तरा होने की आशंका थी अब वह आपकी सुरक्षा का ध्यान रखेगा !

4. यदि ड्राईवर गाड़ी को उस गली/रास्ते पर मोड़ दे जहाँ जाना न हो और आपको महसूस हो कि आगे ख़तरा हो सकता है - तो क्या करें ?

विशेषज्ञ का कहना है कि आप अपने पर्स के हैंडल या अपने दुपट्टा/ चुनरी का प्रयोग उसकी गर्दन पर लपेट कर अपनी तरफ़ पीछे खींचती हैं तो सैकिण्डो में वह व्यक्ति असहाय व निर्बल हो जायेगा ! यदि आपके पास पर्स या दुपट्टा न भी हो तो भी आप न घबरायें ! आप उसकी क़मीज़ के काल़र को पीछे से पकड़ कर खींचेंगी तो शर्ट का जो बटन लगाया हुआ है वह भी वही काम करेगा और  आपको अपने बचाव का मौक़ा मिल जायेगा ! 

5. यदि रात में कोई आपका पीछा करता है !

विशेषज्ञ का कहना है: किसी भी नज़दीकी खुली दुकान या घर में घुस कर उन्हें अपनी परेशानी बतायें ! यदि रात होने के कारण बन्द हों तो नज़दीक में एटीएम हो तो एटीएम बाक्स में घुस जायें क्योंकि वहाँ पर सीसीटीवी कैमरा लगे होते हैं ! पहचान उजागर होने के भय से किसी की भी आप पर वार करने की हिम्मत  नहीं होगी !

आख़िरकार मानसिक रुप से जागरुक होना ही आपका आपके पास रहने वाला सबसे बड़ा हथियार सिद्ध होगा ! 

कृपया समस्त नारी शक्ति जिसका आपको ख़्याल है उन्हें न केवल बतायें बल्कि उन्हें जागरुक भी कीजिए ! अपनी नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये ऐसा करना ! न केवल हम सभी का नैतिक उत्तरदायित्व है बल्कि कर्त्तव्य भी है !  

प्रिय मित्रों इससे समस्त नारी शक्ति -अपनी माताश्री,बहन, पत्नी व महिला मित्रों को अवगत करावें !

आप सभी से विनम्र निवेदन की इस संदेश को महिला शक्ति की जानकारी में अवश्य लायें यह समस्त नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये सहायक सिद्ध होगा ! ऐसा मेरा विश्वास है !

काबिलियत

*“सोच ये ना रखें की  मुझे रास्ता अच्छा मिले,*
*बल्कि*
*ये होना चाहिए कि मैं जहां पाव रखूं वो रास्ता अच्छा हो जाए;*

*क्यूँकि जो अपने कदमों की काबिलियत  पर विश्वास रखते हैं,*
*वो ही अक्सर मंजिल पर पहूँचते है!”*
       
          
         

द्रष्टिकोण

*गुरू से शिष्य ने कहा: गुरूदेव ! एक व्यक्ति ने आश्रम के लिये गाय भेंट की है।*
*गुरू ने कहा - अच्छा हुआ । दूध पीने को मिलेगा।*
*एक सप्ताह बाद शिष्य ने आकर गुरू से कहा: गुरू ! जिस व्यक्ति ने गाय दी थी, आज वह अपनी गाय वापिस ले गया ।*
*गुरू ने कहा - अच्छा हुआ ! गोबर उठाने की झंझट से मुक्ति मिली।*
*'परिस्थिति' बदले तो अपनी 'मनस्थिति' बदल लो । बस दुख सुख में बदल जायेगा.।*
*"सुख दुख आख़िर दोनों मन के ही तो समीकरण हैं।*
*"अंधे को मंदिर आया देखलोग हँसकर बोले -"मंदिर में दर्शन के लिए आए तो हो,पर क्या भगवान को देख पाओगे ?*
*"अंधे ने कहा -"क्या फर्क पड़ता है,मेरा भगवान तो मुझे देख लेगा."*
*द्रष्टि नहीं द्रष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए।*

 

Monday 23 January 2017

राधे कृष्ण का मतलब

1. "राधे कृष्ण" का मतलब
          राह दे कृष्ण
2. "राधिका कृष्ण" का मतलब
         राह दिखा कृष्ण
3. "मीरा कृष्ण" का मतलब
            मेरा कृष्ण
4. "हरे कृष्ण" का मतलब
       हर एक का कृष्ण     

‼जय श्री कृष्णा‼

Tuesday 17 January 2017

सब अच्छा होगा

दान करने से रुपया जाता है!
"लक्ष्मी" नहीं!...
घड़ी बंद करने से घड़ी बंद होती है!
"समय" नहीं!...
झूठ छुपाने से झूठ छुपता है!
"सच" नहीं !...
मुश्किल वक़्त का सबसे बड़ा सहारा है " उम्मीद "
जो एक प्यारी सी मुस्कान देकर कानों में धीरे से कहती है ,
"सब अच्छा होगा"।

"खुश रहिये मुस्कुराते रहिये

    

चंदन से  वंदन

*" चंदन "* से  *" वंदन "*
ज्यादा *शीतल* होता हैे,

*" योगी "* होने के बजाय
*" उपयोगी "* होना ज्यादा अच्छा हैे,
*"प्रभाव "* अच्छा होने के बजाय
*"स्वभाव "* अच्छा होना ज्यादा जरूरी है। !

*हँसता हुआ चेहरा आपकी शान बढ़ाता है*
*मगर....*
*हँसकर किया हुआ कार्य आपकी पहचान बढ़ाता है*                                                       

तेरा मेरा


*तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है,*
       *जो भी कमाया यही रह जाना है !*
*कर ले कुछ अच्छे कर्म,*
       *साथ यही तेरे जाना है !*
*रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं,*
       *लेकिन मुस्कुराने से...*
*पराये भी अपने हो जाते हैं !*
       *मुझे वो रिश्ते पसंद है,*
*जिनमें  " मैं " नहीं  " हम " हो !!*
*इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,*
*उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही..*

     

Friday 13 January 2017

कीमती किसे कहु...?

कीमती किसे कहु...?
शाहजहाँ के "ताजमहल" को
या फिर
श्रवण के "कावड़" को..
प्रेम की निशानी तो दोनों में है.

Thursday 12 January 2017

सर्वश्रेष्ठ पूँजी

☘ मैदान में हारा हुआ फिर
            से जीत सकता है
                  *परंतु*
        मन से हारा हुआ कभी
            जीत नहीं सकता

      आपका आत्मविश्वास ही     
       आपकी सर्वश्रेष्ठ पूँजी है

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु

एक शिष्य ने बहुत प्यारी बात कही:---
गुरूजी,
जब आप हमारी *'शँका'* दूर करते हैँ तब आप *"शंकर"* लगते हैँ
- जब *'मोह'* दूर करते हैँ तो *"मोहन"* लगते हैँ
जब *'विष'* दूर करते हैँ तो *"विष्णु"* लगते हैँ
जब *'भ्रम'* दूर करते हैँ तो *"ब्रह्मा"* लगते हैँ
जब *'दुर्गति'* दूर करते हैँ तो *"दुर्गा"* लगते हैँ
जब *'गरूर'* दूर करते हैँ तो
*"गुरूजी"* लगते हैँ
इसीलिए तो कहा है।
*।।गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:*
*गुरु साक्षात् परब्रम्ह तस्मे श्री गुरुवे नमः।।*

          
      
             
          

लब्ज़

     " लब्ज़ ही ऐसी  चीज़  है
       जिसकी वजह  से  इंसान
    या  तो  दिल  में  उतर  जाता  है
       या दिल से उतर  जाता  है "

बस ज़िंदगी भी यही चाहती है


               हर पतंग जानती है,
            अंत में कचरे मे जाना है
            लेकिन उसके पहले हमे,
          आसमान छूकर दिखाना है ।
       *" बस ज़िंदगी भी यही चाहती है "*

उदारता


             *लोगों का आदर*
         *केवल उनकी सम्पत्ति*
     *के कारण नहीं करना चाहिये*
                  *बल्कि*
             *उनकी उदारता*
       *के कारण करना चाहिये ।*
           *हम सुरज की कद्र* *उसकी उँचाई के कारण नहीं करते*      
                   *बल्कि*
*उसकी उपयोगिता के कारण करते हैं* ।
              *अतः व्यक्ति नहीं*
                   *व्यक्तित्व*
                *आदरणीय है ।
     .

वाणी को वीणा बनाये

*" वाणी "* को *" वीणा "* बनाये,
         *" वाणी "* को *" बाण "* न बनाये !
क्योकि *" वीणा "* बनेगी तो,
         जीवन में *" संगीत "* होगा... !
और *" बाण "* बनेगी तो,
         जीवन में *" महाभारत "* होगा !!

*कामयाबी कभी बड़ी नहीं होती,*
         पाने वाले हमेशा बड़े होते है !
*दरार कभी बड़ी नहीं होती,*
         भरने वाले हमेशा बड़े होते है !
*सम्बध  कभी बड़े नहीं होते,*
निभाने वाले हमेशा बड़े होते है !...

रिश्ते बड़े प्यारे

*वो रिश्ते बड़े प्यारे होते हैं*,
*जिनमें न हक़ हो, न शक हो*.
*न अपना हो, न पराया हो,*
*न दूर हो, न पास हो..*
*न जात हो, न जज़बात हो*,
*सिर्फ अपनेपन का*      
*एहसास ही एहसास हो*

      

जिंदगी कहते है

*चलने वाले पैरों में कितना फर्क है*
*एक आगे तो एक पीछे*

*पर ना तो आगे वाले को "अभिमान" है और ना पीछे वाले को "अपमान"।*

*क्योंकि उन्हें पता होता है कि पलभर में ये बदलने वाला होता है।*

*"इसी को जिंदगी कहते है"..*
  

Monday 9 January 2017

आलपिन

आलपिन सारे कागज़ को
         जोड़कर रखना
                   चाहती है
    लेकिन वह हर कागज़ को
              चुभती है
        इसी प्रकार जो व्यक्ति
         परिवार समाज व् देश
           को जोड़कर रखना
         चाहता है वह लोगो की
             आँखों में चुभता है
   
           
      

बेईमान

*कमियाँ तो मुझमें भी बहुत है,*
                      *पर मैं बेईमान नहीं।*

*मैं सबको अपना मानता हूँ,*
     *सोचता फायदा या नुकसान नहीं।*

*एक शौक है ख़ामोशी से जीने का,*
           *कोई और मुझमें गुमान नहीं।*

*छोड़ दूँ बुरे वक़्त में दोस्तों का साथ,*
                  *वैसा तो मैं इंसान नहीं।*

तालमेल

_*गीता में साफ़ शब्दो मे लिखा है..*_
_*निराश मत होना..*_
_*कमजोर तेरा वक्त है..*_
_*तू नही........*_
_*ये संसार "जरूरत" के नियम पर चलता है....*_
_*सर्दियो में जिस "सूरज"*_
_*का इंतजार होता है,*_
_*उसी "सूरज" का गर्मियों में*_
_*तिरस्कार भी होता है.....*_
_*आप की कीमत तब तक होगी जब तक आपकी जरुरत है...!*_
*"तालाब एक ही है..,*
*उसी तालाब मे हंस मोती चुनता है और बगुला मछली...!*
*सोच सोच का फर्क होता है...!*
*आपकी सोच ही आपको बड़ा बनाती है...!!*
*यदि हम गुलाब की तरह खिलना*
*चाहते हो तो  काँटों के साथ*
*तालमेल की कला सीखनी होगी*...
           
              

       
                  
               

असली भाग्य

"भाग्य  बारिश का पानी है
                      और..
          परिश्रम कुंए का जल....

    बारिश में नहाना आसान तो है,
                    लेकिन....
    रोज नहाने के लिए हम बारिश
         के सहारे नहीं रह सकते...!!

     इसी प्रकार भाग्य से कभी-कभी
      चीजे आसानी से मिल जाती है,
   किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी
                  सकते...!!

          कर्म ही असली भाग्य है

  
                 
                           
                   

मायूस

होकर मायूस न यूँ शाम की तरह ढलते रहिये जिंदगी एक भोर है सूरज की तरह निकलते रहिये ठहरोगे एक पाँव पर तो थक जाओगे धीरे धीरे ही सही मगर लक्ष्य की ओर चलते रहिये....

अंधेरे में छाया

*मानव कितने भी प्रयत्न कर ले* 
            *अंधेरे में छाया*
            *बुढ़ापे में काया*
                    *और*
          *अंत समय मे माया*
       *किसी का साथ नहीं देती*
 
*कर्म करो तो फल मिलता है*,
       *आज नहीं तो कल मिलता है।*
*जितना गहरा अधिक हो कुँआ,*
        *उतना मीठा जल मिलता है ।*
*जीवन के हर कठिन प्रश्न का,*
        *जीवन से ही हल मिलता है।*
             
     *""सदा मुस्कुराते रहिये""*
            

अनुमान

                  *अनुमान*
           गलत हो सकता है पर
                  *अनुभव*
           कभी गलत नहीं होता
                   क्योंकि....
                  *अनुमान*
         हमारे मन की कल्पना है
               *और अनुभव*
         हमारे जीवन की सीख है
           जिसे हर पल हर दम 
                 *हम जीते है*!!
                
            
          
    

घी और रुई

_*नाराज न होना कभी*_
        _*यह सोचकर कि*…_
             _*काम मेरा*_
               _*और*
         _*नाम किसी का*
           _*हो रहा है*._?

       _*घी और रुई सदियों से,*_
       _*जलते चले आ रहे हैं…,*_
                _*और*_
          _*लोग कहते हैं…,*_
        _*दिया जल रहा है।*_

             

Sunday 8 January 2017

जिन्दगी क्या

'''' जिन्दगी क्या ''' ....?
ये दिया है मुझे उसने जो मेरी जिन्दगी है ....!
जिन्दगी --- मतलब जीवन ...
जिन्दगी --- वो जीव जो साँस लेते है ...यही शायद आपका मत होगा ...आपने शायद यही सुना या पढा होगा ...?
पर जिन्दगी की एक नई परिभाषा ,
जिससे शायद आप सहमत हो या नही भी क्योंकि मै आप जैसे दोस्तो के सामने एक छोटा सा दिया हूँ जो आपके अतुल प्यार और स्नेह का आकाँक्षी है ....!
जिन्दगी ----जि+न+द+गी
जि=जिवन्त !
न= नजाकत !
द= दर्द !
गी= गीत !
जिन्दगी ----वो '' जिवन्त ''' जीवन जिसमे थोडी ''' नजाकत' ''' भी हो , थोडा ''' दर्द '' भी हो और जो ग़म और खुशी के ''' गीत ''' से भरी हो वो है जिन्दगी ...!
दोस्तो ....साँस तो इस धरा पर हर जीव जन्तु और पेड़ पौधे भी लेते है ! इनमे जीवन है पर जिन्दगी नही ! अरे सही मायने मे जिन्दगी तो वो जीता है जिसमे संवेदनाए हो , इंसानियत हो , संस्कार दया , प्रेम , भाईचारा, अपनापन हो ! जिनमे ये गुण नही वो सिर्फ साँस लेता है और साँस लेना जिन्दगी नही !
दोस्तो ...अंत मे यही कहूँगा की ....हमे ये जिन्दगी कुदरत ने इसलिए दी है की हम इस धरा पर कुछ एसा करे की उस जिन्दगी देने वाले को हमपर गर्व हो शर्मिन्द्गी नही ...??

सर्वश्रेष्ठ

परखता तो वक्त है,
    कभी हालात के रूप मे ,
       कभी मजबूरीयों के रूप मे!!!

*भाग्य तो बस आपकी*
       *काबिलियत देखता है !*

जीवन में कभी किसी से,
     अपनी तुलना मत करों,

   *आप जैसे है सर्वश्रेष्ठ हे*

           

Saturday 7 January 2017

विचारपुष्प

*✍विचारपुष्प✍*

*_✍"प्रशंसा" से "पिंघलना" मत, "आलोचना" से "उबलना" मत, निस्वार्थ भाव से कर्म करिए, क्योंकि इस "धरा" का, इस "धरा" पर, सब "धरा" रह जाऐगा।_*

*_"मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो, परंतु उसकी परछाई सदैव काली होती है !_*

*_"मैं सर्वश्रेष्ठ हूँ" यह आत्मविश्वास है, लेकिन "सिर्फ मैं ही सर्वश्रेष्ठ हूँ" यह अहंकार है..। अहंकार से जिनका, मन मैला है ,करोड़ों की भीड़ में भी, वह अकेला है!_*
                       
         

Friday 6 January 2017

मंजिल

       *पावों में यदि जान हो*_
                     _*तो*_
        _*मंजिल तुमसे दूर नहीं।*_

        _*आँखों में यदि पहचान हो,*_
                     _*तो*_
          _*इंसान तुमसे दूर नहीं।*_

         _*दिल में यदि स्थान हो*_
                     _*तो*_
         _*अपने तुमसे दूर नहीं।*_

         _*भावना में यदि जान हो,*_
                    _*तो*_
         _*भगवान तुमसे दूर नहीं।*_

         

दीदार

*मन की आंखो से*
    *प्रभु का दीदार करो*
         *दो पल का है अन्धेरा*
           *बस सुबह का *इन्तजार करो*
                  *क्या रखा है*
            *आपस के बैर मे ए यारो*
            *छोटी सी है ज़िंदगी बस*
           *हर किसी से प्यार करो...!*
     

               

खूबसूरत पौधा

दुनिया का सबसे खूबसूरत पौधा,
"प्रेम" और "स्नेह" का होता है ..!
       जो जमीन पर नहीं,
       दिलों में उगता है ..!!
"राहत" भी अपनों से मिलती है,
"चाहत" भी अपनों से मिलती है ..!
       अपनों से कभी रूठना नहीं, 
       क्योंकि, "मुस्कुराहट" भी सिर्फ,
       अपनों से मिलती है ..!
          

थोडा  सा 

कौन  किसी  से  क्या  लेता  है,
कौन  किसी  को  क्या  देता   है..

थोडा  सा  हँस  लेते  है ,
थोडा  सा  हँसा  देते  है
दोस्ती  मे  यही  तो  होता है
     *हँसना और हँसाना कोशिश*
                      है मेरी ,
          *हर कोई खुश रहे, यह चाहत*
                      है मेरी ,
           *भले ही मुझे कोई याद करे*
                 या ना करे ,
             *लेकिन हर अपने को याद*
          करना  आदत है  मेरी               
          

सफलता

*"चलते रहने से ही सफलता है,*
   *रुका हुआ तो पानी भी
बेकार हो जाता है...!"*
*"अच्छी सोच, अच्छी भावना*,
        *अच्छा विचार मन को
हल्का करता है....!"*
  *"मुसीबत सब पर आती है,*I
      *कोई बिखर जाता है*
     और कोई निखर जाता है...!"*

Tuesday 3 January 2017

एहसास

*वो रिश्ते बड़े प्यारे होते हैं*,
*जिनमें न हक़ हो, न शक हो*.
*न अपना हो, न पराया हो,*
*न दूर हो, न पास हो..*
*न जात हो, न जज़बात हो*,
*सिर्फ अपनेपन का*      
*एहसास ही एहसास हो*