Tuesday 21 February 2017

दुःख में भागीदारी

*यार से ऐसी यारी रख*
          *दुःख में भागीदारी रख,*
*चाहे लोग कहे कुछ भी*
             *तू तो जिम्मेदारी रख,*
*वक्त पड़े काम आने का*
          *पहले अपनी बारी रख,*
*मुसीबते तो आएगी*
             *पूरी अब तैयारी रख,*
*कामयाबी मिले ना मिले*
     *जंग हौंसलों की जारी रख,*
*बोझ लगेंगे सब हल्के*
           *मन को मत भारी रख,*
*मन जीता तो जग जीता*
     *कायम अपनी खुद्दारी रख.*

Wednesday 15 February 2017

सम्बन्ध को निभाना

*सम्बन्ध को जोड़ना*
      *एक कला है,*
          *लेकिन*
*"सम्बन्ध को निभाना"*
     *एक साधना है*

*जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है, ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है..*

*"ईश्वर "और अपनी "अंतरआत्मा"*
    

    

तेरे गिरने में, तेरी हार नहीं

*तेरे गिरने में, तेरी हार नहीं ।*
*तू आदमी है, अवतार नहीं ।।*
*गिर, उठ, चल, दौड, फिर भाग,*
*क्योंकि*
*जीत संक्षिप्त है इसका कोई सार नहीं ।।***
       
         *वक्त  तो  रेत  है*
     *फिसलता  ही  जायेगा*
     *जीवन  एक  कारवां   है*
     *चलता  चला  जायेगा*
     *मिलेंगे  कुछ खास*
     *इस  रिश्ते  के  दरमियां*
     *थाम  लेना  उन्हें  वरना*
     *कोई  लौट  के  न  आयेगा*
         
  *सुबह का प्रणाम  सिर्फ रिवाज़ ही नही बल्कि आपकी फिक्र का एहसास भी है...*
*रिश्ते जिन्दा  रहें और यादें भी बनी रहे...*
            
   
                     

ऐ परिंदे...

ऐ परिंदे...!!*
*यूँ ज़मीं पर बैठकर क्यों*
*आसमान देखता है..*
*पंखों को खोल, क्योंकि,*
*ज़माना सिर्फ़ उड़ान देखता है !!*

*लहरों की तो फ़ितरत ही है*
*शोर मचाने की..*
*लेकिन मंज़िल उसी की होती है,*
*जो नज़रों से तूफ़ान देखता है !!*
   

Thursday 9 February 2017

Invest in relationships

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Friday 3 February 2017

या कुंदेंदु तुषार हार धवला

या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वृस्तावता ।

या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मसना ।।

या ब्रह्माच्युत्त शंकर: प्रभृतिर्भि देवै सदा वन्दिता ।

सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्या पहा ॥१॥

भावार्थ: जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह श्वेत वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं,
जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है,
जिन्होंने श्वेत कमलों पर अपना आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं,
वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती आप हमारी रक्षा करें।

माँ सरस्वती ज्ञान के भंडार भरे।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
*सुख एवं समृद्धि का बसंत आपके जीवन में सदा बना रहे*