Sunday 8 January 2017

जिन्दगी क्या

'''' जिन्दगी क्या ''' ....?
ये दिया है मुझे उसने जो मेरी जिन्दगी है ....!
जिन्दगी --- मतलब जीवन ...
जिन्दगी --- वो जीव जो साँस लेते है ...यही शायद आपका मत होगा ...आपने शायद यही सुना या पढा होगा ...?
पर जिन्दगी की एक नई परिभाषा ,
जिससे शायद आप सहमत हो या नही भी क्योंकि मै आप जैसे दोस्तो के सामने एक छोटा सा दिया हूँ जो आपके अतुल प्यार और स्नेह का आकाँक्षी है ....!
जिन्दगी ----जि+न+द+गी
जि=जिवन्त !
न= नजाकत !
द= दर्द !
गी= गीत !
जिन्दगी ----वो '' जिवन्त ''' जीवन जिसमे थोडी ''' नजाकत' ''' भी हो , थोडा ''' दर्द '' भी हो और जो ग़म और खुशी के ''' गीत ''' से भरी हो वो है जिन्दगी ...!
दोस्तो ....साँस तो इस धरा पर हर जीव जन्तु और पेड़ पौधे भी लेते है ! इनमे जीवन है पर जिन्दगी नही ! अरे सही मायने मे जिन्दगी तो वो जीता है जिसमे संवेदनाए हो , इंसानियत हो , संस्कार दया , प्रेम , भाईचारा, अपनापन हो ! जिनमे ये गुण नही वो सिर्फ साँस लेता है और साँस लेना जिन्दगी नही !
दोस्तो ...अंत मे यही कहूँगा की ....हमे ये जिन्दगी कुदरत ने इसलिए दी है की हम इस धरा पर कुछ एसा करे की उस जिन्दगी देने वाले को हमपर गर्व हो शर्मिन्द्गी नही ...??

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