अचानक एक मोड़ पर सुख और दुःख की मुलाकात हो गई
दुःख ने सुख से कहा : -
तुम कितने भाग्यशाली हो ,
जो लोग तुम्हें पाने की कोशिश में लगे रहते हैं....
सुख ने मुस्कराते हुए कहा : -
भाग्यशाली मैं नहीं तुम हो...!
दुःख ने हैरानी से पूछा : - "वो कैसे?
सुख ने बड़ी ईमानदारी से जबाब दिया : -
वो ऐसे कि तुम्हें पाकर लोग अपनों को याद करते हैं ,
लेकिन मुझे पाकर सब अपनों को भूल जाते हैं।। सुप्रभातम्
आप का दिन मंगलमय हो
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