Hindu mythology stories from ved puran
चिंता ऐसी डाकिनी, काट कलेजा खाए । वैद बेचारा क्या करे, कहा तक दवा लगाए ॥
अर्थ : चिंता एक ऐसी चोर है जो सेहत चुरा लेती है। चिंता और व्याकुलता से पीड़ित व्यक्ति का कोई इलाज नहीं कर सकता।
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