*मांगी हुई खुशियों से, किसका भला होता है,*
*किस्मत में जो लिखा होता है, उतना ही अदा होता है,*
*न डर रे मन दुनिया से,*
*यहाँ किसी के चाहने से, न हीं किसी का बुरा होता है,*
*मिलता है वही, जो हमने बोया होता है,*
*कर पुकार उस प्रभु के आगे,क्योंकि, सब कुछ उसी के बस में होता है*
No comments:
Post a Comment